मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और चीफ़ ऑफ़ वेस्टर्न कमांड चंडी मंदिर लेफ्टिनेंट जनरल पी. के .बाली के बीच हुई बातचीत , हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए एक उम्दा सौग़ात लेकर आ सकती है। इन दोनों दिग्गजों की सहमति हिमाचल प्रदेश कि भारतीय सेना में अपनी हिमाचली बटालियन अर्थात् हिमाचली क्षेत्रीय सेना होने पर बनी है। हिमाचल प्रदेश आबादी के अनुपात से भारतीय सेना में सबसे ज़्यादा जवान देने वाला राज्य हैं। हिमाचल प्रदेश के वीरों ने भारतीय सेना को अपने प्राण देकर बेहद ही संवेदनशील मिशन पर कामयाबी हासिल करवाई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को जल्द ही ऊँच स्तर पर पेश करेगी।उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश को क्षेत्रीय सेना की बहुत ज़रूरत है। इसका पहला कारण यह है कि हिमाचली नौ जवानों के लिए क्षेत्रीय से जुड़ना बहुत गर्व की बात है। दूसरा हिमाचल एक पहाड़ी क्षेत्र है,यहाँ पर प्राकृतिक आपदा का ख़तरा बनता रहता है।पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण राहत कार्य में अनगिनत बाधाएँ आती है। इन बाधाओं से निपटने के लिए क्षेत्रीय सेना हर तरह से क़ाबिल रहेगी।
हाल ही में असमय बर्फ़बारी के कारण लाहौल में फँसे पर्यटकों को भारतीय सेना के जवानों की सहायता से ही एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था।
2016 में जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी उस वक़्त प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश की देवभूमि को वीरभूमि संबोधित करते हुए अपना मस्तक इसके वीर जवानों के सामने झुका दिया था।हिमाचल प्रदेश केवल देव भूमि ही नहीं ये वीरों की भूमि भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उस वक़्त हिमाचल प्रदेश के हर एक परिवार से सदस्यों के भारतीय सेना में जाने के जज्बे को सलाम किया था।एक रैंक एक पेंशन की बात को भी उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले मैं आयोजित एक रैली में ही कही थी।
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है। यहाँ पर खेतीबाड़ी ज़िंदगी जीने का एक आसान ज़रिया नहीं है।इसके उबड़ ख़ाबड़ रास्तों और ऊँची नीची पगडंडियों से होते हुए भी लोग बहुत मेहनत कर की अपनी ज़िंदगी गुज़र बसर करते हैं। ज़िंदगी जीने का तरीक़ा ही, हर हिमाचल वासी को मेहनती बना देता है।हिमाचली क्षेत्र सेना का बनना और उसे भारतीय सेना में शामिल करना हिमाचल प्रदेश, जो कि देवभूमि और वीरभूम भी है ,उसके लिए बहुत गर्व की बात होगी।
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