Written by Traveling Poet- Aakash,
Mumbai
तुम देखना इंसानियत जीत जायेगी
कितनी भी बड़ी बिमारी क्यों ना आ जाए
लोग भले ही अपनो से ना मिल पाये
ये बड़ी ही जिद्दी है – तुम देखना इंसानियत फिर से जीत जायेगी।
वो पहले फीस बढ़ा के गरीब स्टूडेंट को पढ़ाई से दूर करेंगे,
गुन्डो से पिटवा देंगे-फिर टीवी पर मुफत्खोर देशद्रोही भी कहेंगे यहाँ तक कि उनके टैलन्ट् को छोड़कर इस्तेमाल किए कॉन्डम तक गिने जाएँगे,
लेकिन इंसानियत बड़ी जिद्दी है-सबको एक कर जायेगी
गरीब अमीर सब मिलकर लड़ेंगे और सबको शिक्षा का हक दिलवाएँगे ।
ये कानून को काला बनाएँगे फिर विरोध करने वालों पर गोली चलवाएँगे,
पुलिस को भेजकर लाइब्रेरी तुड़वायेंगे,
और टीवी पर झूठी खबरे – चुनाव में नफरत फैलाकर ये दंगे भी करवायेंगे,
धर्म देख कर लोगों को भीड़ से मरवाएँगे,
जिस दुकान और घर को बनाने में उम्र निकल गयी उसे पलभर में जला आयेंगे…
लेकिन इंसानियत बड़ी जिद्दी है – वो धर्म नही इंसान देखेगी
और पागल जट्टा निकलेगा मुस्लमा को बचाने, हिंदू मस्जिद को बचायेगा, और कोई मुस्लिम किसी हिंदू को अपनी बेटी बनायेगा।
वो बड़ा मंत्री है देश का –
वो सब कुछ बंद कर देगा
और थाली बजाने – रामायण देखने को कहेगा
जो कोई बहार निकला वो पुलिस के डंडों से मरेगा,
ये गरीब मजदूर मानते थोड़ी है किसी की
वो पेट के खाने और सिर पे छत के चक्कर में 144 का उलन्घन्ं कर देंगें,
और इस पर Qurantine में घर बैठा self islolated राष्ट्रभक्त
सिर पर बच्चा लिए सड़क पर चलते मजदूर को देशद्रोही,दीमक और बिमारी बतलायेंगे-
लेकिन इंसानियत बड़ी जिद्दी है साली- वो पीटे हुए स्टूडेंट,सख्त आदेशों को अनदेखा करके कई पुलिसवाले,सरकार से ह्क़्र गलत काम पर सवाल करते अमीर लोग और राम का नाम लेकर गाड़ी शुरु करने वाला ऑटो चालक रामायण ना देखकर –
अनजान गरीबों को खाना देंगे।
इंसानियत बड़ी जिद्दी है – ये कई बार जीती है
और बीमारी के इस खौफनाक दौर में ये डॉक्टर को खुदा बनाकर – इंसानियत एक बार फिर जीत जायेगी।