PGI चंडीगढ़ में सबके दो दोस्त।

Hindi health

मैं इंसानियत में बसता हूँ और लोग मुझे मज़हब में ढूँढते है। आज के ब्लॉग मैं आपको ज़िंदगी के सबसे नाज़ुक वक़्त में काम आने वाले दो पहरेदारों के बारे में बताऊँगी। ये दोनों आपको चंडीगढ़ PGI में उन पलों में साथ देंगे जो हमारी या हमारे प्रियजनों की ज़िंदगी के सबसे नाज़ुक पल हो सकते है।ंये वो लोग हैं जिनके हाथ सिर्फ़ मदद के लिए बढ़ते है।

         इनमें पहले  है राकेश रसीला। इस ब्लॉग में मैंने आपको इनके दो फ़ोन नंबर दिए हैं।ये वो इंसान हैं जिन्हें आप जब फ़ोन करेंगे और कहेंगे कि “भाई हमें खून की ज़रूरत है” , तब वो आपसे  सिर्फ़ इतना पूछेंगे कि इस वक़्त आप कहाँ है और कितना खून चाहिए?

                           , PGI चंडीगढ़ में सबके दो दोस्त।

                                                             राकेश रसीला

                                           9569475847-9417579489

राकेश रसीला जी ने रक्त दान के लिए लिम्का बुक में रिकॉर्ड बनाया है। पिछले 25 सालों से रसीला जी  PGI में लावारिस मृत शरीरों का क्रियाकर्म अपने ख़र्चे पर करते आ रहे है। रसीला इंसानियत को बढ़ाने वाला एक नाम  है। इन्होंने केवल लावारिस शरीरों की अंतिम यात्रा का बेड़ा ही नहीं उठाया है  , बल्कि चंडीगढ़ में अगर कोई भी पक्षी और जानवर भी कहीं  मृत दिखता है, तो इन्हें फ़ोन आ जाता है।वह इसलिए क्योंकि इन्होंने अपने नंबर बहुत जगहों पर लिख कर लगा दिए हैं ,ताकि इन्हें  ख़बर पहुँच सके।ये उसी वक़्त वहाँ पहुंचकर उस पक्षी या जानवर को दफ़नादेते है। तो ये राकेश रसीला जी है। यह कभी भी ज़रूरत पढ़ने पर आपको खून स्वयं देंगे या उसका इंतज़ाम ज़रूर करवा देंगे।

दूसरापहरेदारहै

PGIMER परिसर में स्थित गुरुद्वारा सराय । पहले मैं आपको इसका रास्ता बताऊँगी।पीजीआई की एमरजेंसी वाले मेनरोड पर जो पहले कट हुआ करता था, जिससे मेन रोड से ही सीधे एमरजेंसी की तरफ़ जा सकते थे ।

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ये वो राउंड बाउट है जिसके बारे में मैं आपको बता रही हूँ ।पहचान के लिए यहाँ ये दो बोर्ड लगे हैं ,जिनपर वे टू ओल्ड PGI  लिखा है

अब वो बंद हो गया है।उसके आगे राउंडबाउट जिसे प्रतीप मोड़ (यू turn) भी केहते है,उसे लेकर emergency की तरफ़ आना होता है।अगर उस राउंडबाउट से आप यू turn न ले और जो सीधा रास्ता पीजीआई/PGI की तरफ़ जाता है, उसमें दख़ल हो जाए , तो उल्टे हाथ पर कटता दूसरा  रास्ता आपको गुरुद्वारा सराय ले जाएगा।

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            ये हैं गुरुद्वारा सराय।

इस जगह आपको मंदिर, चर्च और गुरुद्वारा तीनों दिवार से दिवार जुड़े मिलेंगे।वहाँ पर गौर देने वाली की बात यह है कि न  तो मंदिर ही पूरे वक़्त खुला रहता है और न ही चर्च। मंदिर और  चर्च के बीच में गुरुद्वारा सराय है। जहाँ पर पीजीआई/PGI में इलाज के लिए आए मरीज़ और उनकी देखभाल करने वाले  सहयोगी आकर  रह सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहाँ पर आपका धर्म और जाति कोई नहीं पूछता।यहाँ की सेवाएँ लेने के लिए आपको सिर्फ़  एक पहचान पत्र और पीजीआई/PGI का दाख़िला कार्ड बहुत है।

ये गुरुद्वारा सराय सालों से पीजीआई/PGI में आए हुए मरीज़ों और उनके सहयोगियों की सेवा में है।यहाँ न ही केवल आप रह सकते हैं  बल्कि तीन समय का खाना  नि शुल्क खा सकते हैं।इसके इलावा बहुत सारी दवाइयों में भी मरीज़ों की सहायता की जाती है।ये बहुत ही बेहतरीन कोशिशें हर इंसान तक न सिर्फ़ इलाज की सुविधा पहुँचाने की पर मुश्किल समय पर उसका  हाथ थाम कर ये कहने की  तुम अकेले नहीं हो।

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जब एक ज़रूरत मंद और ग़रीब आदमी जिसके कंधों पर पूरे परिवार को पालने की ज़िम्मेवारी है ,बीमार पढ़ता है तो वह अकेले नहीं टूटता है ,उसका परिवार भी टूट जाता है। जब किसी का बच्चा बीमार होता है और सब कुछ बेच कर भी उसके माँ बाप उसकी बीमारी के इलाज का ख़र्च नहीं उठा पाते तो ये बोझ उनके कंधे तोड़ देता है।   ये जगह ऐसे सभी लोगों के लिए ज़िंदगी की उम्मीद है।  सालों  से ये जगह दान पर चल रही है और बहुत सारे लोगों के लिए ज़िंदगी की उम्मीद बनी हुई है।

 इन्सान तो हर घर में जन्म लेता है पर इंसानियत कहीं कहीं जन्म लेती है।इंसानियत से जुड़ना इंसान का सबसे बड़ा कर्म है।इस सराय में बहुत सारे ग़रीब घरों की छोटे बच्चे का cancer का इलाज भी करवाया जा  रहा है।उन बच्चों को स्कूल भेजा जाता है।उनके खेलने और जब तक वह जी रहे हैं , उनकी ख़ुशियों का पूरा इंतज़ाम किया जाता है।ये बच्चे अलग अलग धर्मों के और अलग अलग उम्र के हैं। इनकी बड़ी बड़ी खुशियां आप जैसे बहुत सारे लोगों की छोटी छोटी समय गुज़ारने की चीज़ों से ही पूरी हो जाती है। ऐसी जगह पर जुड़ना इंसान का क़ाबिल होना सिद्ध करता है ।मैं तो यहाँ जाती रहती हूँ तो यह समझती हूँ कि  खुशियां ख़ुद की मुस्कुराहट शीशे में देख लेना नहीं है।आत्मा तब ख़ुश होती है जब कोई ऐसा आपको देखकर मुस्कुराता है जिसे आप नहीं जानते। वैसे तो मेरा ये मानना है कि आप किसी के लिए कुछ कर नहीं सकते हो।पर जिन चीज़ों से ज़्यादा जुड़े बैठे हो और ये सोचते हो कि अगर वो चीज़ें नहीं रही तो आपकी ज़िंदगी नहीं चलेगी ,तो कभी अगर उन चीज़ों को छोड़कर या उनकी कमी सह कर आगे बढ़ने की हिम्मत हो तो ऐसी जगहों से ज़रूर जुड़े।

यहाँ पर जुड़ने के लिए आप मेरे email ID-shalinisharmawork@gmail.com  पर मेल कर सकते हैं।

धन्यवादशालिनी

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8 thoughts on “PGI चंडीगढ़ में सबके दो दोस्त।

    1. Greatful!
      It is the rounds that such articles makes,that brings the change.keep motivating and sharing the articles.
      Thank you

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  2. My name’s Harry Domingo but everybody calls me Harry.
    I’m from Australia. I’m studying at the university (3rd year) and
    I play the Trombone for 9 years. Usually I choose music from the famous
    films :).
    I have two brothers. I like Basketball, watching movies and Jewelry making. http://aaa-rehab.com

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