भागमल सौहता
नमस्कार।
ये कहानी है एक शेर की और उसकी उस दहाड़ की जो इतिहास में दर्ज हो गई। भागमल सौहता, वो नाम है जिसका इतिहास में एक बहुत गहरा निशान है।1899 में अर्सैनिक अभियंत्रण की डिग्री का मालिक एक रोबीला राजपूत। अपनी ऐश और आराम की ज़िंदगी को छोड़कर आज़ादी की लड़ाई से जुड़ गया।
वो चार भाइयों में तीसरा भाई था।इनके बड़े भाई बैरिस्टर थे,जो अपनी पढ़ाई लंदन से ग्रहण करके आए थे ।इनके दूसरे भाई कोषाध्यक्ष थे और सबसे छोटे घर और ज़मीन को देखा करते थे।
श्री भागमल सौहता 1947 जुब्बल में उत्तरदायी सरकार के मुख्यमंत्री रह चुके थे ।हिमाचल प्रदेश में प्रजा मंडल इनकी की अध्यक्षता में बने थे।धामी कांड की अनहोनी, इन्ही की गिरफ़्तारी के बाद हुई थी। 1948 में भागमल सौहता हिमाचल को राज्य बनाने की पेशकश लेकर सरदार पटेल से मिलें। उनका ये प्रस्ताव केंद्रीय सरकार ने 1948 में मान लिया था।
“भाई दो न पाई दो” आंदोलन का नारा भी भाग मल ने शिमला के गंज बाज़ार में ही खड़े होकर दिया था।हिमाचल को राज्य का दर्जा दिलाने तक जितने भी आंदोलन हुए , चाहे वो प्रजा मंडल की स्थापना थी या हिमाचली रियासतों को एक साथ मिलाना ।सभी में भागमल का ख़ास योगदान रहा।
जब हिमाचल को राज्य का दर्जा मिला, उस वक़्त विचारों में मतभेद होने के कारण प्रजा मंडल में फूट पड़ गई।प्रजामंडल दो भागों में बँट गया।इसका एक धड़ा वाई. एस. परमार के नेतृत्व में आ गया और दूसरा भागमल सौहता के।
हिमाचल को राज्य का दर्जा दिलाना उनका मक़सद था। अपने राज्य को उसकी पहचान दिलाने के लिए की गई मेहनत के बदले वो अपने लिए कुछ नहीं चाहते थे।जब हिमाचल 18वॉ राज्य बना तब उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।न तो कभी अपने होने का वज़न डाला ना ही कभी इनके परिवार के किसी व्यक्ति ने उनके नाम का फ़ायदा उठाने के लिए उनके प्रयत्नों का एहसास ही दिलाया।
भागमल ने एक बार फिर कमान सँभाली , ये 1980-1982 का वह वक़्त था जब शिमला की पहाड़ियों मे जंगलों का ग़ैर क़ानूनी तौर से काटना शुरू हुआ। उस वक़्त भागमल सौहता की आवाज़ की गूंज केंद्र तक एक बार फिर पहुँच गई थी।
89 की उम्र में इनका निधन हो गया लेकिन आज भी इनके किए गए प्रयास हिमाचल दिवस को और ख़ास बना देते हैं।ये हिमाचल के ऐसे शेर थे जिन की दहाड़ हमेशा सुनाई देती रहेगी
Bhagmal Ji ko shat shat Naman Unke prayaso se hi aaj Himachal ki alag pahchan hai. Thanks to share valuable information
Congrats to one & all. …
……..Himachal Day is big day for all…..it is not only to remember dates and have holidays. …. time is to remember such great persons who have sacrificed their life. …..Hoardings must be seen in all imp towns. .. villages. ….& head quarters. …….presentl day youth must feel the values of sacrifice. ….struggle. …..& selflessness. Congrats to all. …..best wishes to young ones. …..Regards to brave hearts. Remember. …miles to before l sleep. …..miles to go. ………Thanks.
Lesser known personality and forgotten hero of pre and post independent India and himachal you Shalini have done a good work in putting the facts about him on the social media.Now the legendary freedom fighter and his family.is going to be honoured by the union government at his native place DHAR in Jubbal in its program ‘Yad karo qurbani’
Thank you for reading and appreciating the article
I am Aastha sauhta and very much proud of my great grandfather Shri bhagmal sauhta as great personalities are hard to find but not impossible… And one of them was my great grandfather Shri bhagmal sauhta and proudly I can say that he was my great grandfather…