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बेहतर ज़िंदगी की खुराक

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एक सेहतमंद और तंदरुस्त ज़िंदगी हर बच्चे का हक़ है। माता पिता को संपूर्ण बनाने के लिए केवल एक बच्चे का होना ही ज़रूरी नहीं है परंतु उस बच्चे को एक तंदुरुस्त कल देना माता पिता की संपूर्णता को पूर्ण करता  है।

 हम 2018 में पहुँच चुके हैं। यह एक तेज़ी से बढ़ रहा युग है। इसकी रफ़्तार से अपनी रफ़्तार मिलाने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को सबसे पहले अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।

भारत में आज भी 7.2 करोड़  बच्चों को ज़रूरी टीके नहीं लग पाते हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या।1992-1993 में केवल 35 % बच्चों को ही लगते थे।2015-16 ये संख्या बढ़कर 62 % हो गई। पर जिस युग में  हम  हैं  और उसमें सारी सहूलियतें देने के बावजूद भी 62 % एक सम्मानित संख्या है?

भारत में टीकाकरण कार्यक्रम सार्वभौमिक प्रतिरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत आता है। इसके अंतर्गत हर साल तक़रीबन चार लाख बच्चों को निशुल्क टीके लगाए जाते हैं। सरकार के बार बार याद करवाने  पर और हर तरह की ज़रूरी सुविधाएँ देने के बावजूद भी भारत में टीकाकरण  हर बच्चे तक नहीं पहुँच पाता है। इसके बहुत सारे कारण है।

1-ज़्यादा दिक़्क़त  ग़रीब क्षेत्रों से है। इनमें घुमंतू निर्माण मज़दूर ज़्यादा है। आर्थिक बाधाओं के कारण यह तय तिथि पर सरकारी औषधालय नहीं पहुँच पाते हैं।

2-बहुत बार प्रशासनिक स्टाफ़ न होने के कारण टीकाकरण का काम नहीं हो पाता है।

3-कई बार सुनने में ये भी आया है जिस जगह पर दैनिक दाव काम कर रहे होते हैं ,उस स्थान का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र का न होना के कारण भी इनके बच्चे सरकारी गांडना  से बाहर रह जाते है।

भारत में टीकाकरण गाँव गाँव के हर घर में पहुँचाने का काम  आंगनवाड़ी और आशा के कार्यकर्ता बख़ूबी कर सकते हैं।लकिन यह धरना  प्रदर्शन पर ज़्यादा रहते है।इसका एक कारण यह है  इन्हें दिए जाने वाला वेतन बहुत ही कम है । दूसरा कारण है इनकी अनुबंध नौकरियों का समय पर पक्का न करना।

 यह वो लोग हैं जो हर गाँव के हर घर में जाते हैं और लोगों को बेहद अच्छी तरह से जानते हैं। ज़मीनी स्तर पर ये काम यह ही कर सकते हैं।

बहुत ही जल्दी  हिमाचल सरकार के द्वारा नयुमोफोकल और रोटा वायरस टीके  भी सरकारी  हस्पताल में ही नि शुल्क लगाए जाएंगे।

बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए ज़रूरी सभी टीके सरकारी अस्पतालों में निशुल्क लगाए जाते हैं।अगर आपसे  किसी टीके का समय निकल गया है, तो आप उस टीके को डॉक्टर से पूछकर दोबारा सरकारी हस्पताल में ही लगवा सकते हैं। ये टीका आपके बच्चों को सेहत मनद बनाने के लिए हैं। इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। कुछ मामलों में हल्की दर्द यह भूखार आ सकता है । इनकी  दवाई आपको सरकारी अस्पतालों और औषधालयों में ही उपलब्ध करवा दी जाएगी।

बच्चों का टीकाकरण बेहद ही अनिवार्य है। ये हर बच्चे को हर स्थान पर नि शुल्क प्रदान करवाया जाता है।। अपने बच्चों का टीकाकरण ज़रूर करवाएं।

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4 thoughts on “बेहतर ज़िंदगी की खुराक

  1. Nice article depicting the importance of immunization and vaccination for children. The facts are shown by giving authentic figures.

    1. Thank you, Sir.
      Healthcare at times takes the blow of human ignorance only to swipe them off their feet later.
      Shalini

  2. Wow ! Very well detailed and I wish you good luck and looking forward… More informative stories
    Regards

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