हिमाचल की गहराइयॉ

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, हिमाचल की गहराइयॉ
The unexplored snow.

हिमाचल शब्द का अर्थ बर्फ़ीली पहाड़िया  है।इसके पहाड़ घने जंगलों से भरे है।इन जंगलों  में बहुत सारी कहानियां है।इन कहानियों  में कुछ जानी कुछ अनजानी बताते हैं।ये blog एक कोशिश है उन सभी कहानियों की गर्मी बनाए रखते हुए  ,उन्हें अाप तक पहुँचाने कि।

हिमाचल 18वॉ राज्य बना था।इसका राज्य पशु हिम तेंदुआ है और राज्य पक्षी पश्चिमी तरागोपान   है। हिमाचल राज्य बनने से पहले 23 साल तक एक केन्द्र शासित प्रदेश( union टेरिटरी) रही।

 इसके इलावा भी हम बहुत सारी बातें करेंगे उन मुकदर  के सिकंदरो  के बारे में जिन्होंने हिमाचल का मुक़दर लिखा।वो कौन लोग थे जिन्होंने हिमाचल को हिमाचल राज्य बनाने के लिए अपना खून पसीना बहाया?क्या वो बस वही नाम है जिन्हें हम आम तौर पर अख़बारों में और किताबों में पढ़ते है या कुछ ऐसे भी नाम है जो आज भी लोगों की  ज़ुबानी  ज़िंदा है? जी, बहुत ऐसे भी थे जिन्होंने चुपचाप अपनी लड़ाई लड़ी अपने राज्य के लिए अपने देश के लिए।अपने राज्य के लिए बहुत कुछ माँगा पर न कभी ख़ुद के लिए कुछ माँगा और न ही कभी अपनों के लिए।

ये blog एक कोशिश है हिमाचल जो अपना घर है उसके बारे में सही मानय मे  घर की तरहा जानने की। हिमाचल के बारे में जब बात शुरू हो तो बस देवभूमि बोल कर बात ख़त्म न हो जाए।ये blog एक कोशिश है हर व्यक्ति तक ख़ास तौर पर हर हिमाचली तक उनका इतिहास पहुँचाने की। आप सबके साथ मिलकर अपनी जगह  हिमाचल की गहराइयों में उतरने की।

इस blog में मैं आपको PGIMER जो post graduate Institute of medical education and research  है , इसके research wing में की जा रही  रिसर्चर्स के बारे में भी बताती रहूँगी। ये मैंने अपने बचपन से ही देखा है जब भी किसी  को हिमाचल से पीजीआई/PGI refer किया जाता था तो बहुत डर लगता  है। पीजीआई/PGI में बहुत बार जाने के बाद लोगों से मिलने के बाद में मुझे समझ आया की बहुत मेहनत की जा रही है बीमारियों को लोगों से दूर रखने के लिए। हर दिन मेहनत की जाती हैं कोई ना कोई ऐसा उपाय ढूंढने कि जिससे बात बिगड़ने से पहले ही सँभल जाएं। ये बातें आपके साथ बाँटना चाहती हूँ।

इसके ज़रिए मैं एक बहुत बड़ी problem का हल भी आपको दूंगी जो बीमारी के समय बीमार व्यक्ति के साथ आए हुए लोगों को भी बहुत परेशान कर देती है। बीमार व्यक्ति के साथ साथ जो लोग उसका ध्यान रखने के लिए आते हैं उनकी दिक्कतें भी कम नहीं होती। पहली बात तो घर से दूर अपने प्रियजन की सेवा करनी है। इसलिए ख़ुद को ठीक रखना भी बहुत ज़रूरी है।ये हक़ीक़त है कि जब बीमारी सामने आती है तो पैसों की नदियां भी सूखने लगती है। ऐसे में एक ग़रीब इंसान बीमार पड जाए तो  इलाज के लिए भी  एक बार सोचता है। मैं अपने कुछ शुरुआती लेखों में आपको चंडीगढ़ पीजीआई/PGI में एक ऐसी जगह के बारे में बताऊगी जहाँ पर आप बिना किसी  शुल्क की रह  भी सकते हैं और तीन समय का खाना भी खा सकते है।

 

इस   ब्लॉग में  भाषा की सरलता का ख़ास ध्यान रखा जाएगा। हर लेख दो भाषाओं में होगा हिन्दी और अंग्रेज़ी।

इस blog की शुरुआत हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक इतिहास से न करते हुए, राजनीतिक इतिहास से कर रही हूँ।इसका मूल कारण यह है कि जब  भी राजनीति होती है, कहानियों की बुनियाद वही से रखी जाती है।

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