नमस्कार।
समय लंबा है और वक़्त मुश्किल है।
कैसे हैं आप लोग? आज 11 अप्रैल हो गयी है।कुछ चीज़ें अब संभलने लगी है और कुछ चीज़ें संभाललो की चेतावनी दे रही है।
एक अच्छी बात देखने में यह आ रही है कि बहुत सारे लोग ज़रूरतमंदों को खाना, मास्क और ज़रूरत की चीज़ें बाँट रहे हैं।
अब राशन देते हुए और खाना बाँटते हुए फ़ोटो क्यों खींचते हैं ? इसके बारे में भी दो बातें हो सकती है। पहली कि फोटों से वो दूसरे लोगों को भी उत्साहित करना चाहते हैं कि वो भी इस काम में जुड़े।
दूसरी ,यह कि वो फ़ोटो से यादे संजो रहे हो। हम केवल सकारात्मक बातें ही करेंगे।
कुछ लोगों को यह देखने में दिखावा लग सकता है। अपनी- अपनी सोच है और सोचने पर कोई पाबंदी नहीं है।
ख़ैर ,आज का ख़याल यह नहीं है कि किसने खाना बांटें हुए, राशन बाँटते हुए फ़ोटो खिंचवाई और किसने नहीं खिंचवाई ।
बात यह है कि सरकार अपने स्तर पर और बहुत सारे लोग उनके ख़ुद के स्तर पर जितनी मदद हो सकती है, उतनी कर रहे हैं।
यह एक बहुत बड़ी बात है।
लेकिन यहाँ पर मेरा मानना ये हैं की अगर चीज़ें एक कड़ी में बाँटी जाय तो वो बर्बाद नहीं होगी।
बहुत सारी NGO इस काम में जुड़ि हैं। अगर इस वक़्त भी हम काम को अलग -अलग होकर करेंगे तो देश हित में ,जिस काम को आप करने निकले हैं ।वह पूर्ण तरह पूरा नहीं हो पाएगा।
मुझे ऐसे लगता है कि जो संस्थाएं और जो लोग राशन वितरण से जुड़े हैं ।उन सब को एक दूसरे के फ़ोन नंबर ले लेने चाहिए। जगाह बाँट लेनी चाहिए।
जिन परिवारों में राशन बाँट दिया गया है ।उस परिवार के मुखिया का नाम दर्ज कर लेना चाहिए। ये लिस्ट हर संस्था और सरकारी विभाग के साथ साझा करनी चाहिए जो उस जगह में राशन वितरण से जुड़ा है।
एक दूसरे के साथ जुड़कर काम करने से रफ़्तार तेज हो जाएगी और सफ़र जल्दी कट जाएगा। अगर किसी जगह के लोगों को किसी ख़ास तरह की चीज़ की कमी का सामना करना पड़ रहा है ।तो वो भी वहाँ काम कर रही संस्थाएं और सरकारी कर्मचारी आपस में एक दूसरे को बता सकते हैं। लोगों की ज़रूरतों को भी आपस में बराबर बाँट लें।
ऐसा करने से काम की रफ़्तार तेज़ हो जाएगी।
किसी परिवार को कई बार राशन मिलने की और किसी परिवार को एक बार भी राशन नहीं मिलने की परेशानी भी दूर हो जाएगी।
संस्थाओं को सामान भी अपनी क्षमता के हिसाब से बाँट लेना चाहिए। इससे वो लोग अपनी ऊर्जा एक तरफ़ केंद्रित कर पाएंगे।
जो भी लोग इस कार्य से जुड़े हैं और जो जुड़ना चाहते हैं , वह सब बहुत ही समझदारी से ये काम करें।
समय लंबा है और मुश्किलें बहुत है। आप इस वक़्त ज़रूरतमंदों की मदद कर सकते हैं ।ये एक बहुत बड़ी बात है। पर जैसे मैंने आपसे पहले कहा कि समय लंबा है और मुश्किलें बहुत है। आपके संसाधनों की बहुत ज़रूरत है। वितरण की गति को नियंत्रित रखिए।
अलग- अलग होकर अपने -अपने स्तर पर बेतहाशा राशन का वितरण करते जाना भी सही नहीं रहेगा। मेरा सुझाव आपके लिए यह है कि ऐसा करने से पहले एक बार ,आप अपनी जगह के किसी भी सरकारी कर्मचारी से ज़रूर बात कर लें।अगर सरकारी कर्मचारी उपलब्ध नहीं है तो गाँव के प्रधान ,उस जगह के एम ऐलए या और कोई ऐसा इंसान जो उस जगह पर सरकार की तरफ़ से राशन वितरण के काम को आगे बढ़ा रहा है। उसे एक बार ज़रूर बात कर लें।
मैं ही समझती हूँ कि इस वक़्त कोई भी किसी भी स्वार्थ हेतु काम नहीं कर रहा है। इसलिए ये कहना ग़लत नहीं होगा कि राशन वितरण आपके ही हाथ से हो यह आपके साधनों द्वारा सरकारी हाथों से इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए।