भारत वर्ष के बहुत ही ख़ूबसूरत प्रदेश हिमाचल में भाजपा सरकार का आज 1 साल पूर्ण हो गया है। इस प्रदेश में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर है। पाँच बार विधायक रह चुके ठाकुर राजनीति में सक्षम और माहिर है।हिमाचल में ऐसा बेहद ही कम बार देखा गया है कि जो सरकार प्रदेश में बनी ,वहीं सरकार सेंटर में भी हो। इस बार ये मुमकिन हुआ है जब मोदी सरकार भाजपा सेंटर में है और जयराम सरकार भाजपा हिमाचल प्रदेश में भी है। अगर प्रदेश में साल का लेखा जोखा केवल नीतियों के दम पर देखना है तो जयराम ठाकुर के नेतृत्व में इस एक वर्ष में भाजपा सरकार ने बहुत सारी नीतियां बनायी और उन्हें लागू भी किया है।बाहरी तौर पर किसी भी प्रदेश में सरकार का कार्यकाल कैसा रहा यह उसकी नीतियां ही बताती है। परंतु उस सरकार के सिपाही और पार्टी के कार्यकर्ता का मनोबल ही किसी सरकार को क़ामयाब या नाकामयाब बनाता है। पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल सरकार की बनी नीतियो को अगले 4 सालों में कितनी कामयाबी मिलेगी वह निश्चित करता है।यह इसलिए क्योंकि सरकार का एक तबक़ा नीतियां बनाता है और उसी सरकार का दूसरा तबक़ा उन नीतियों को जन जन तक पहुँचाता हैं। ऐसे में अगर सरकार के कार्यकर्ता ,उसके सिपाहियों का ही मनोबल डगमगा जाए तो सरकार की नीतियां केवल काग़ज़ों में काले अक्षर बनकर ही रह जाएंगी। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सरकार के राजनीतिक गलियारों में से एक समूह धूमल पार्टी और दूसरा समूह जयराम ठाकुर का देखा जा सकता है।इस एक साल की अपनी कार्यकारिणी में न तो धूमल के समर्थक जय राम की गलियों में घूम सके और न ही जयराम की गलियों ने धूमल के समर्थकों को अपना ही बनाया। बहुत लोगों का यह भी कहना है की प्रदेश में जयराम सरकार को कई चेहरों से जाना जाता है। सरकार में एक से ज़्यादा शक्ति केन्द्र होना किसी भी मुख्यमंत्री के लिए एक अनुकूल स्थिति नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश विकास के चरण में है।एक ओर प्रदेश में चार लेन का काम चल रहा है। दूसरी ओर तक़रीबन 70 राष्ट्रीय हाईवे और भारत माला के अंतर्गत अनेक मार्ग बनने वाले हैं। ऐसे में प्रदेश में भाजपा सरकार को संगठित होना बहुत ज़रूरी है। यह इसलिए क्योंक विकास के लिए परिवर्तन ज़रूरी है लेकिन यह भी सच है कि जहाँ भी परिवर्तन का चरण आता है वहाँ विलंब और अशांति कई स्तरों पर उठती है। बीते इस एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश के सरकारी महकमों में एक ऊर्जा भी देखी गई है। इसका साक्षात उदाहरण पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हिमाचल के धर्मशाला में देखा गया है।जहाँ अभी भी GST को समझने में भारत वर्ष के बड़े बड़े CA, कंपनियां और उद्योग घर जूझ रहे है। वहीं इस छोटी सी जगह धर्मशाला ने GST की कर चोरी का 1 ऐसा मामला भारत वर्ष के सामने रख दिया जिसे जब पूर्ण किया जाएगा तो ये पूरे देश के होटल उद्योग को GST का लेखा जोखा एक बार में समझा देगा। ये जयराम सरकार की एक ख़ास उपलब्धि है। GST का कार्यान्वयन देश के प्रधान मंत्री नरेंद्रा मोदी ने किया है।यह आने वाले 2019 के चुनावों के लिए भाजपा सरकार की एक बड़ी उपलब्धि में गिना जाएगा ऐसी उम्मीद हैं।तो जहाँ एक तरफ़ 2019 के चुनावों में भाजपा सरकार GST को अपनी एक बड़ी उपलब्धि बताकर प्रदेश वासियों को अपनी निष्ठा का उदहारण देगी, वहीं जयराम ठाकुर की भाजपा सरकार ने हिमाचल से ही GST के अंतर्गत आने वाले होटल उद्योग की कर चोरी को देश भर में उजागर कर दिया है। अपने इस एक साल में भाजपा सरकार अपने पदाधिकारियों के नामों को कई बार अदल बदल कर चुकी है ।अब आने वाले चार सालों में प्रदेश की जनता यह देखना चाहेगी कि कितनी स्थिरता और मज़बूती से जयराम सरकार जो प्रधानमंत्री नरेंद्रा मोदी की ख़ास पसंदीदा सरकार नज़र आ रही है वह देवभूमि को ऊंचाइयों के स्तर पर ले जाती है? ]]>